सांस्कृतिक मूल्य जरूरी है

है आजादी हम हैं
सन उन्न्चास के
क्या यह बात हमें है याद………
क्या यह बात हमें है याद………
आजाद हुए हम गुलामी से ,
पर फिर उलझन में उलझे हैं|
प्रत्यक्ष तो हम आजाद हुए ,
तकनीकी व्यसनों से झूंझे हैं|
whats up facebook करते करते
अपनों से मिलना भूल गये ,
जो सहृदय भाव जगे मन में
वो एक मेसेज में झूल गये |
रहें सजग आजादी के प्रति
उन्नति बहुत जरूरी है
पर भारत वासी के जीवन में
सांस्क्रतिक मूल्य जरूरी है …………..

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